हाथरस। जिले के छह सरकारी चिकित्सक निजी प्रैक्टिस में लिप्त पाए गए हैं। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य सचिव को इन चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अब शासन स्तर से इनके विरुद्ध आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

इनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुरसान की डॉ. रिचा कालरा और डॉ. सुनील कुमार वर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुरसंडा की डॉ. मीनाक्षी मोहन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महौ के डॉ. बृज नारायण अवस्थी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदराराऊ के डॉ. मृदुल जाजू तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सादाबाद के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दानवीर सिंह का नाम शामिल है।

सरकारी चिकित्सकों द्वारा निजी प्रैक्टिस किए जाने से सरकारी अस्पतालों की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। इन डॉक्टरों द्वारा सरकारी अस्पतालों में मरीजों को समुचित उपचार न देने की शिकायतें पहले भी मिलती रही हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।

स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों के बावजूद मरीजों को उनका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। जिला स्तर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक चिकित्सा सेवाओं की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। विभागीय अधिकारी अक्सर संसाधनों की कमी का हवाला देते हैं, लेकिन इस मामले ने साबित कर दिया है कि संसाधनों का सही उपयोग भी नहीं किया जा रहा।

सीएमओ का बयान

इस संबंध में प्रभारी सीएमओ हाथरस डॉ. राजीव ने बताया कि सरकारी डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने से सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं। शासन स्तर पर इस पर गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है और नियमानुसार कदम उठाए जाएंगे। सीमित संसाधनों के बावजूद मरीजों को बेहतर उपचार देने के प्रयास जारी रहेंगे।

सरकारी स्तर पर इन डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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