हाथरस। संस्कार भारती की एक साधारण सभा आशू कवि अनिल बौहरे के आवास पर रामवती देवी डिग्री कॉलेज की पीआरओ डॉ सुनीता उपाध्याय की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में संस्कार भारती की गतिविधियों को लेकर चर्चा की गई।
बैठक को सम्बोधित करते हुए आशू कवि अनिल बौहरे ने कहा कि संस्कार भारती विभिन्न विधाओं को लेकर जल्द ही रूपरेखा तय करेगी। सभा में साहित्य विधा के लिए रामवती देवी डिग्री कॉलेज की पीआरओ डॉ सुनीता उपाध्याय तथा नाट्य विधा के लिए सोनाली रतन को संयोजक चुना गया।
इस मौके पर एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में निम्न कवियों ने काव्य पाठ किया।
हास्य कवि पंडित हाथरसी-
“मैं खुद को रोक नहीं पाया ज्यों ही आवाज सुनी मैंने,
एक स्कूटी से जाती हुई उस लड़की को देखा मैंने”
संस्कार भारती के जिलाध्यक्ष चेतन उपाध्याय-
“ईमान बेचकर बड़ा होना इंसानियत मकबरा होना,
दो वक्त के निवाले आबरू के संग गरीब का बाजार में खड़ा होना”
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संगठन मंत्री सर्वेश-
“मन मैला न धोए धोता काया, संस्कार मानव उर की है छाया,
प्रेम सदा मानवता से हो भाया यही सिखात जीवन में रघुराया ”
सोनाली वार्ष्णेय-
“क्या है जिंदगी –
जिंदगी में बिखरना और खुद को समेटना
और फिर उसी रफ़्तार बढ़ना, यही है जिंदगी”
रूपम कुशवाहा-
“आसमां की तरह खुद को बनाए रखना फुर्सत से सर को मेरे साथ उठाए रखना,
बड़ी मुश्किल से जमाने में साथ मिलता है साथ आए हो तो साथ निभाए रखना”
हर्ष गोयल-
“सतत्तर साल हो गए आजादी के पर ये मुझको झूठ सा लगता है
जब जब पलटता हूँ अखबारों के पैन मुझे कुछ ऐसा दिखता है
काँप जाती है रूह मेरी पढ़कर ऐसी खबरों को
हो जाता हूँ शर्मसार कर लेता हूँ नीचे इन नजरों को
मैं आज अपनी आवाज उठाता हूँ
मैं आज इस झूठी आजादी की कहानी सुनाता हूँ”
इस अवसर पर संस्कार भारती के संरक्षक आशू कवि अनिल बौहरे, जिलाध्यक्ष चेतन उपाध्याय, महामंत्री डॉ मिलन कुमार, कोषाध्यक्ष श्याम बाबू चिंतन, उपाध्यक्ष रूपम कुशवाहा, पंडित हाथरसी, सुखप्रीत सिंह सुखी, हर्ष गोयल, सोनाली वार्ष्णेय, एबीवीपी के जिला संगठन मंत्री सर्वेश कुमार आदि उपस्थित थे।