हाथरस। सिकंदराराऊ नगर के मोहल्ला ब्राह्मणपुरी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म और बाल लीला की कथा सुनाई गई।
व्यास आचार्य शैलेश कृष्ण ने कथा सुनाते हुए कहा कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी तो भगवान श्रीकृष्ण को अवतरित होना पड़ा। कंस की जेल में बंद देवकी और वासुदेव को अपनी आठवीं संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही देवकी और वासुदेव के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। उन्होंने कहा कि धरती पर जब जब धर्म की हानि होती है तब तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।
कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के वर्णन पर पंडाल में मौजूद महिलाओं ने नृत्य किया और बधाइयां गाई।
इस अवसर पर सूर्यकांत शर्मा, राजकुमारी देवी, वैष्णो शर्मा, अखंड भारत उपाध्याय, लक्ष्मीकान्त शर्मा, वंदना शर्मा, अशोक शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, ब्रजेश शर्मा, कौशल शर्मा, अनुभव, ऋषभ, कान्हा, मोहित, अनुराग, रोहित, मयंक, अनुज, संस्कार, लव आदि उपस्थित थे।